अजमेर शरीफ दरगाह विवाद पर पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की। पत्र में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के सर्वेक्षण को अकल्पनीय बताया गया। समूह ने पूजा स्थल अधिनियम का हवाला देकर अदालतों की तत्परता पर सवाल उठाए और समन्वयवादी परंपराओं की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की।