

पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आरएफ नरीमन ने बाबरी मस्जिद विवाद और 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तीखी आलोचना करते हुए इसे सेकुलरिज्म के खिलाफ बताया। “सेकुलरिज्म और भारतीय संविधान” पर आयोजित जस्टिस एएम अहमदी स्मृति व्याख्यान में उन्होंने अपने विचार स्पष्ट किए।
2019 का राम जन्मभूमि फैसला
एएसआई रिपोर्ट और ऐतिहासिक संदर्भ
सेकुलरिज्म की अनदेखी
बाबरी विध्वंस और साजिश
जस्टिस नरीमन ने जोर देकर कहा कि ये फैसले सेकुलरिज्म और न्याय की भावना का अपमान हैं। उन्होंने इसे भारत के संविधान और न्याय प्रणाली के लिए एक गंभीर चेतावनी बताया।