

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता मिली। पहला रजिस्ट्रेशन एक हिंदू कपल का हुआ। हालांकि, 16 पन्नों के फॉर्म और मकान मालिक समेत अन्य जानकारी देना युवाओं को मुश्किल लग रहा है। लोगों में प्राइवेसी को लेकर चिंता और सरकार पर अनावश्यक दखल के आरोप हैं। सियासी पार्टियां इसे मुद्दा बना रही हैं, जबकि युवाओं में इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।